31. कर्म बड़ा या भाग्य
ऊँश्री गणेशाय नम्ःश्री श्याम देवाय नम्ः कर्म बड़ा या भाग्य, यह एक ऐसा प्रसन्न है, जिसके अंतिम निष्कर्ष पर एक मत से नहीं पहुंचा जा सकता। भाग्य के संदर्भ में बहुत पुराने दौर से दो परस्पर विरोधी विचार धाराएं रही है। एक के अनुसार मनुष्य उस से बंधा हुआ है, जो उसके भाग्य में पहले …