33. जन्म की सार्थकता
ऊँश्री गणेशाय नम्ःश्री श्याम देवाय नम्ः हर व्यक्ति में दिव्यता के कुछ अंश मौजूद होते हैं। उनमें कुछ विशेषताएं होती हैं। मनुष्य का यह प्रथम कार्य है कि वह उन विशेषताओं को खोज निकाले और अपने मानव रूपी जन्म को सार्थक करे। क्योंकि ईश्वर की संरचना में सर्वाधिक श्रेष्ठ स्थिति मनुष्य की है। मानव शरीर …