Month: August 2021

192. शुभ- मुहूर्त से महत्वपूर्ण, शुभ-कर्म

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः शुभ- कर्म, शुभ- मुहूर्त से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं क्योंकि शुभ- मुहूर्त तो महज किसी कार्य के अच्छे परिणाम के लिए राह आसान करता है लेकिन शुभ कर्म के सदैव अच्छे ही परिणाम होते हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो न कभी रावण नाकामयाब होता और न ही दुर्योधन …

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191. श्री कृष्ण जन्माष्टमी

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग में, मथुरा के राजा उग्रसेन के पुत्र कंस के अत्याचारों से त्रस्त भक्त जनों की पुकार पर सप्तपुरीयों में श्रेष्ठ मथुरा की दिव्य, पावन भूमि पर कंस के कारागार में 3067 ईसा पूर्व की भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में रात्रि …

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190. मत दौड़ो, सुख के पीछे

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः संसार में सभी सुख के लिए प्रयत्नशील रहते हैं, फिर भी सुख प्राप्त नहीं होता। वास्तव में हमें सुख का ज्ञान ही नहीं है। जिसे हम सुख समझते हैं, वह दुख के मूल कारण है। हम पर जो दुख आते हैं, वह हमारे अपने कर्मों का फल होता …

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189. सीखें, धैर्य रखना

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः आपने अपने बड़े बुजुर्गों से अक्सर सुना होगा कि—धैर्य का फल मीठा होता है। दरअसल जो मनुष्य धैर्य रखना सीख जाते हैं, उनको मुश्किल समय में समस्या का विश्लेषण करने का अवसर प्राप्त हो जाता है।कहते हैं कि—स्वर्ग में सब कुछ है लेकिन मृत्यु नहीं है। गीता में …

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188. सफल जीवन

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः अगर हम चाहते हैं कि हमारा जीवन सफल हो, सुंदर हो तो उसके दो ही रास्ते हैं।पहला— स्वयं से प्रेम करके औरदूसरा— दूसरों से प्रेम करके। पहला यह है कि—हम स्वयं से प्रेम करें यानी हमें अपने आप से एक प्रेम भरा संबंध स्थापित करना है जो ध्यान, …

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187. याचना

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः प्रत्येक मनुष्य अपने इष्टदेव से यानि ईश्वर से प्रतिक्षण कुछ न कुछ याचना करता ही रहता है। इसका कारण स्पष्ट है कि— मनुष्य के अंतर्मन में प्रतिपल कोई न कोई प्रबल इच्छा उभरती ही रहती है और यह भी सच्चाई है कि अंतर्मन से जो भी इच्छा या …

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186. आत्मनियंत्रण

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः आत्मनियंत्रण से अभिप्राय है— स्वयं पर नियंत्रण यानी अपने मन पर नियंत्रण। क्योंकि आत्मनियंत्रण का मार्ग हमारे मन से होकर गुजरता है। यदि हमारे अंदर मन को नियंत्रित करने की सामर्थ्य है तो हम निश्चित रूप से स्वयं पर नियंत्रण कर लेंगे। हम जब भी कोई कार्य आरंभ …

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185. समय की गति

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः समय की गति को रोकना या शिथिल करना मनुष्य के हाथ में नहीं है। जब तक जीवन है, विघ्नकारी व्यक्तियों और परिस्थितियों से आमना- सामना भी होता रहेगा। जीवन के कटु क्षणों को यदि चित्त में धारण कर लेंगे तो समय बोझिल होकर वर्तमान के सुख- चैन को …

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184. मन पर नियंत्रण

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः मन पर नियंत्रण रखना बहुत मुश्किल कार्य है। मन को काबू में रखने के लिए हमारे ऋषि-मुनियों में ध्यान और योगाभ्यास की परंपरा रही है।हमारे बड़े- बुजुर्ग कहते हैं कि— किसी राज्य का राजा बनना आसान है परंतु अपने मन का राजा होना बहुत मुश्किल होता है। इसके …

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183. त्याग का महत्व

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः मनुष्य के जीवन में त्याग का बहुत बड़ा महत्व है। यहां तक की हम जब दूसरी सांस लेते हैं तो पहली सांस का त्याग करना पड़ता है। त्याग मात्र एक कर्म ही नहीं अपितु यह एक भाव है। यह हमें सांसारिक भोगों से अलग करने के साथ ही …

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