Month: September 2021

211. आध्यात्मिक विकास

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः ऋषि-मुनियों ने कहा है कि— मनुष्य जीवन के तीन पहलू हैं— बौद्धिक शारीरिक और आध्यात्मिकहमें इन तीनों पहलुओं को ध्यान में रखते हुए स्वयं को आगे बढ़ाना चाहिए। लेकिन आज हम भौतिक और शारीरिक विकास में तो बहुत प्रगति कर चुके हैं परंतु आध्यात्मिक पहलू को भूल गए …

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210. क्षमा बनाती है, सहनशील

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः जैन धर्म में पर्युषण महापर्व के एक दिन बाद जो महत्वपूर्ण पर्व मनाया जाता है, वह है— क्षमा पर्व। इस दिन गृहस्थ और साधु दोनों ही वार्षिक प्रतिक्रमण करते हैं। जाने या अनजाने यदि उन्होंने पूरे वर्ष किसी भी सूक्ष्म से सूक्ष्म जीव के प्रति कोई भी अपराध …

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209. परम सुख

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः ऐसा कहा जाता है कि मनुष्य सुख में खुश होता है जबकि दुख में वह रोता है। यह बिल्कुल सच है लेकिन ऐसी स्थिति में जन्म के समय बच्चे के रोने को आप क्या कहेंगे? निश्चित रूप में उसे सुख नहीं कहा जाएगा क्योंकि सुख या प्रसन्नता में …

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208. कर्म की निरंतरता

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः धर्म शास्त्रों के अनुसार आत्मा को कई योनियों में भटकने के बाद मनुष्य रूप में जीवन मिलता है। मनुष्य जीवन ही एक ऐसा जीवन है जिसमें कर्म करना जीव के वश में होता है। दूसरे योनि में जीव या तो परजीवी होता है या उसके कर्म इतने सीमित …

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207. आत्म- समीक्षा का अवसर

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः इतिहास में जहां कोविड-19 के समय को महामारी, बेशुमार मौतों और शारीरिक-मानसिक तथा अन्य समस्याओं के लिए जाना जाएगा, वहीं हमारी सनातन संस्कृति में संकल्प शक्ति, मंत्रों, प्रार्थनाओं और प्रकृति के साथ चलते हुए, उसी से समाधान तलाशने की पूरी जिजीविषा के साथ, इस संकट से जूझने के …

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206. पितृयज्ञ/श्राद्ध

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः वेद भारतीय संस्कृति के सबसे प्राचीन ग्रंथ हैं। उनमें पितृयज्ञ का वर्णन मिलता है। श्राद्ध, पितृयज्ञ का ही दूसरा नाम है। ब्रह्म पुराण में श्राद्ध के संबंध में कहा गया है कि— उचित देश, काल और पात्र में जो भी भोजनादि श्रद्धापूर्वक पितरों के निमित्त दिया जाता है, …

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205. जीवन का गूढ़ रहस्य

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः जन्म से पहले और मृत्यु के पश्चात् का संसार कैसा होता है? यह एक गूढ़ रहस्य है। इसे जानने की जिज्ञासा सृष्टि के आरम्भ से ही मनुष्य को विचलित करती रही है। हमारे सनातन धर्म में ध्यान, समाधी एक ऐसा मार्ग है, जिस पर चलकर हमारे ऋषि-मुनियों ने …

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204. समस्याओं से लड़ने की ऊर्जा— ध्यान

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः ध्यान करने से हमारे जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन होते हैं, जिससे हमें समस्याओं से लड़ने की ऊर्जा प्राप्त होती है। प्रत्येक मनुष्य आमतौर पर तनाव ग्रस्त रहता है। उसके जीवन में कोई न कोई परेशानी आती ही रहती है। मानसिक तनाव, भावनाओं का उतार-चढ़ाव, क्रोध, निराश होना, अवसाद …

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203. मिटा दें, मन के विकार

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः आज के समय हममें से ज्यादातर मनुष्य मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं, बीमार हैं। अधिकतर तो अपनी स्वयं की स्थिति से परेशान है क्योंकि वे अपनी परेशानी से परेशान नहीं है बल्कि उनके आस- पड़ोस वाले, उनके रिश्तेदार स्वस्थ क्यों हैं? उनको सफलता कैसे प्राप्त हो गई? वे …

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202. योग का महत्व

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः योग का शाब्दिक अर्थ है जोड़ना। अध्यात्म में आत्मा को परमात्मा से जोड़ना योग है। पतंजलि के योग सूत्र के अनुसार चित वृत्तियों के नियमन को योग कहते हैं।योग जीवन जीने की शैली है लेकिन लोग यही सोचते हैं कि प्राणायाम और आसन ही योग हैं। लेकिन ऐसा …

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