Month: March 2022

248. आत्मविश्वास

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः एक दिव्यांग युवक से एक दिन उसके सहपाठी ने पूछा— तुम्हारी इस दिव्यांगता का कारण क्या है? लड़के ने उत्तर दिया— मुझे बचपन में ही पोलियो हो गया था।सहपाठी ने पूछा— इतने बड़े संकट के बावजूद तुम इतनी मुस्कुराहट और आत्मविश्वास के साथ संसार का सामना कैसे करते …

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247. सार्थक हो, हर दिन

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः हमारे विचार, चिंतन और कार्य ही हमें जीवन में संतुलन साधना सिखाते हैं और यह सब कुछ होता है, मन के द्वारा। मन ही एक ऐसा माध्यम है, जिससे मनुष्य चिंतन, स्मरण एवं मनन करता है। मन में उपजी विचार संपदा से ही हमारे जीवन में परिस्थितियों का …

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246. करें, सच्चा प्रेम ईश्वर से

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः प्रेम का प्रथम लक्षण यही है कि— वह सदा देने वाला होता है, लेने वाला नहीं। मनुष्य जब प्रेम की बात करता है तो वह हमेशा मांगता ही रहता है। जब वह ईश्वर से प्रेम करने की बात करता है तो उसे भी प्रलोभन देने के लिए अनुष्ठान, …

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245. जानिए, स्वयं को

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः जब मनुष्य इस धरा पर जन्म लेता है तो वह अपने साथ कोई न कोई ऐसी खूबी जरूर लेकर आता है जो उसे विशिष्ट बनाती है। लेकिन अधिकांश लोग अपनी इस विलक्षणता से परिचित नहीं होते। उनको पता ही नहीं होता कि वह भी विशिष्ट हो सकता है। …

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244. करें त्याग, चिंता का

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कि— चिंता, चिता के समान है क्योंकि चिता मुर्दे को जलाती है और चिंता जिंदा को जलाती है। यह एक मनुष्य को वैसे ही खोखला कर देती है जैसे लकड़ी को कीड़ा खत्म कर देता है। जब लकड़ी में दीमक लग …

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