April 2021

128. धर्म का स्वरूप

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः धर्म मंगलमय जीवन का आधार है। धर्म के पथ पर चलकर ही मनुष्य अपने जीवन को संवार सकता है क्योंकि मनुष्य प्रकृति की सबसे अद्वितीय, विशिष्ट एवं अनमोल कृति है। प्रकृति ने मनुष्यों को तरह-तरह के संसाधनों से सुसज्जित किया है। प्रकृति ने सिर्फ हमें ही नहीं अपितु […]

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127. ईश्वर कहां है

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्नों में एक यह है कि— ईश्वर कहां है? वास्तविकता क्या है? ईश्वर सच में है भी या सिर्फ कल्पना है। विज्ञान ने आज बहुत तरक्की कर ली है। हमारे पास अंतरिक्ष का पता लगाने के लिए शक्तिशाली दूरबीन और स्पेसशिप हैं। माइक्रोस्कोप के

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126. वाणी की उपयोगिता

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः वाणी ईश्वर के द्वारा मनुष्य को प्रदान किया गया एक अनुपम उपहार है। वाणी के द्वारा ही हमारा व्यक्तित्व झलकता है। वाणी के द्वारा हम अपने विचारों और भावों को अभिव्यक्त कर सकते हैं तथा अपने प्रसन्नता व पीड़ा को भी एक- दूसरे के साथ बांट कर सकते

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125. सत्य की शक्ति

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः मनीषी कहते हैं कि— “मनसा वाचा कर्मणा” यानी मन, वचन और कर्म से सत्य बोलना चाहिए। जो विचार मन में हों, वही वाणी में भी होनी चाहिए और उसी के अनुरूप ही मनुष्य का व्यवहार होना चाहिए।सत्य अनुपम मानवीय गुण है। मनुष्य के जीवन में सत्य बहुत महत्वपूर्ण

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