02. भक्ति मार्ग
ऊँ श्री गणेशाय नम्ः श्री श्याम देवाय नम्ः समस्त ब्रह्मांड में विद्यमान ईश्वरीय चेतना से एकाकार होने को ही भक्ति कहते हैं। परम पुरुष असीम ज्ञान की सत्ता है, इसलिए अध्यात्मिक साधकों को ज्ञान के द्वारा उन्हें प्राप्त करना चाहिए। यह ज्ञान मार्गियों का पथ है। इसमें मनुष्य अपने मन को स्थिर करके आत्म साक्षात्कार …