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02. भक्ति मार्ग

ऊँ श्री गणेशाय नम्ः श्री श्याम देवाय नम्ः समस्त ब्रह्मांड में विद्यमान ईश्वरीय चेतना से एकाकार होने को ही भक्ति कहते हैं। परम पुरुष असीम ज्ञान की सत्ता है, इसलिए अध्यात्मिक साधकों को ज्ञान के द्वारा उन्हें प्राप्त करना चाहिए। यह ज्ञान मार्गियों का पथ है। इसमें मनुष्य अपने मन को स्थिर करके आत्म साक्षात्कार …

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01. परमात्मा का अस्तित्व

ऊँ श्री गणेशाय नम्ः श्री श्याम देवाय नम्ः सृष्टि के कण-कण में विद्यमान यह परमात्मा और परमात्मा में हर प्रकार से समाहित यह संपूर्ण रचना मनुष्य के समझने के लिए है, उसको समझ कर उस रचयिता का ज्ञान प्राप्त कर, आनंद प्राप्ति के लिए है। सृष्टि के बाहर  उस सच्चिदानंद स्वरूप परमात्मा के अस्तित्व की …

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