15. सफलता और विफलता

ऊँश्री गणेशाय नम्ःश्री श्याम देवाय नम्ः दरअसल सफलता और विफलता जीवन रूपी सिक्के के दो पहलू हैं। सही मायने में जीवन संघर्ष और विजय का फलसफा है। कोई जरूरी नहीं आपका हर प्रयास सफल ही हो, लेकिन यह भी सच है कि- कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। अगर किसी काम में सफल …

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14. विचारों की शक्ति

ऊँश्री गणेशाय नम्ःश्री श्याम देवाय नम्ः किसी भी मनुष्य की जिंदगी में उसके विचारों का बहुत महत्व है। विचारों से ही मनुष्य के व्यक्तित्व का पता चलता है। सकारात्मक सोच ही मनुष्य की जिंदगी को खूबसूरत बनाती है। जिस व्यक्ति की सोच सकारात्मक है, वह अपने आसपास के वातावरण को सुगंधित फूलों की तरह महका …

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13. मानवीय जीवन का मूल्य

ऊँ श्री गणेशाय नम्ः श्री श्याम देवाय नम्ः मानवीय जीवन का मूल्य अनमोल है। इसके मूल्य की तो हम कल्पना भी नहीं कर सकते। फिर भी हम पता नहीं क्यों इस अनमोल मानवीय शरीर को बर्बाद करने पर लगे हुए हैं। आज हर कोई परेशान है और अपने जीवन को बर्बाद करने पर या अपनी …

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12. दृढ़-इच्छा शक्ति

ऊँ श्री गणेशाय नम्ः श्री श्याम देवाय नम्ः जब हम कोई काम करना शुरू करते हैं, तब सबसे पहले हमें अपने आप से संकल्प लेना होगा। कहने का अभिप्राय है कि -हमें अपने आप को प्रिपेयर करना होगा कि हमारे अंदर इतनी काबिलियत है कि हम ये कार्य कर सकते हैं। अगर हमारे अंदर काम …

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11. जैसा कर्म वैसा फल

ऊँ श्री गणेशाय नम्ः श्री श्याम देवाय नम्ः कुछ लोग आस्तिक होते हैं और कुछ नास्तिक होते हैं। एक तीसरी टाइप के लोग भी होते हैं, जो ना आस्तिक होते हैं और ना नास्तिक होते हैं। ऐसे लोग मौकापरस्त होते हैं। वे सिर्फ अपना काम सिद्ध करते हैं। आस्तिक वह होते हैं जो भगवान में …

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10. सहनशक्ति का महत्व

ऊँ श्री गणेशाय नम्ः श्री श्याम देवाय नम्ः सहनशक्ति का अपना ही महत्व है। हर इंसान में सहन करने की शक्ति अलग-अलग होती है।किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसकी सहनशक्ति पर निर्भर करता है। उसमें बर्दाश्त करने की ताकत जितनी बढ़ती जाएगी उसका व्यक्तित्व उतना निखरता चला जाएगा ।उसमें धैर्य का विकास होगा ।वह विकट स्थिति …

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09. आडंबर

ऊँ श्री गणेशाय नम्ः श्री श्याम देवाय नम्ः आज के समाज में आडंबर एक गंभीर बीमारी का रूप ले चुका है। आडंबर छुआछूत की बीमारी की तरह हमारे चारों ओर के वातावरण में अपनी जड़ स्थापित कर चुका है। प्रत्येक मनुष्य इससे प्रभावित होकर एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में लगा हुआ है। …

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08. आनंद के रास्ते

ऊँ श्री गणेशाय नम्ः श्री श्याम देवाय नम्ः इस धरा पर कोई व्यक्ति ऐसा नहीं होगा जो अपने ईश्वर से यह मांगता हो कि हमें अपार कष्ट दे दीजिए। शरीर रोग ग्रस्त हो, धन की कमी हो और हमें सुकुन की नींद ना मिले ।बल्कि हर व्यक्ति अपने इष्ट देव से आनंद और उत्तम जीवन …

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07. भगवान की अदालत

ऊँ श्री गणेशाय नम्ः श्री श्याम देवाय नम्ः भगवान अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करता। अगर सच्चे मन से हम उसकी आराधना करते हैं, तो उसका फल अवश्य मिलता है। एक सच्चे भक्त द्वारा निष्काम भाव से दिया गया आशीर्वाद भी अवश्य प्रफुल्लित होता है ।क्योंकि एक भक्त ही भगवान को झुकाने की ताकत …

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06. मेरे साथ ही ऐसा क्यों

ऊँ श्री गणेशाय नम्ः श्री श्याम देवाय नम्ः जब हम कोई काम करते हैं तो काम अगर हमारे मन के अनुसार हो जाता है, तो हमें खुशी होती है और हम सोचने लगते हैं कि यह तो हमारी किस्मत में लिखा हुआ था, इसलिए होना ही था। तब हम उस परमपिता परमात्मा का शुक्रिया भी …

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