श्री गणेशाय नमः
श्री श्याम देवाय नमः
यह युक्ति तो आपने सुनी ही होगी कि— हंसो और मोटे हो जाओ।
अब यह युक्ति कितनी सारगर्भित है, इसके बारे में तो कुछ कहा नहीं जा सकता। लेकिन यह सच है कि — यदि प्रत्येक व्यक्ति हंसने की शक्ति को पहचान ले और जान ले की हंसने से स्वास्थ्य और दीर्घ जीवन की प्राप्ति होती है तो संसार के समस्त रोगों का नाश अवश्य हो जाएगा। कोरोना काल में भी जो मनुष्य हंसता रहा, वह कोरोना जैसी गंभीर बीमारी से छुटकारा पा गया यानी ठीक हो गया। लेकिन जो निराशा और अवसाद में चला गया, वह काल का ग्रास बन गया। आज भी जब थर्ड़ वेव की बात होती है तो जो हंसते हुए इसे स्वीकार रहा है, उसका कोरोना कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। लेकिन अब भी कुछ मनुष्य ऐसे हैं जो घबराए हुए हैं, कोरोना उनको अवश्य ही अपना ग्रास बना लेगा। कोविड-19 के समय ऐसे मनुष्यों को देखा है जो फोन पर बात करते हुए भी डर रहे थे। उनको ऐसा लग रहा था जैसे हम बात करेंगे तो कहीं कोरोना हमारे को न हो जाए। ऐसे मनुष्यों का क्या हो सकता है? वह तो आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हो।
ईश्वर ने हमें हंसी इसलिए दी है कि— हम गंभीर बीमारियों से बचे रहें। प्रकृति ने हमारे भीतरी अंगों के व्यायाम और आनंद प्रदान करने के लिए हंसी बनाई है।
डॉक्टर ग्रीन का कहना है कि— जब आप पूरा खुल कर हंसते हैं, उस समय आपके शरीर की कोई भी छोटी- से- छोटी धमनी या रक्तवाहिनी ऐसी नहीं रहती, जिसमें लहर न उठती हो।
डॉक्टरों की भाषा में इस प्रकार समझ सकते हैं कि— हंसने से रक्तवाहिनी नियंत्रक नाड़ी केंद्र उत्तेजित होता है, इससे धमनियों या रक्तवाहिनियों का विस्तार होता है और उनमें ऐसी हरकतें पैदा होती हैं जिसके कारण रक्त का प्रवाह तेज हो जाता है। हंसने से हमारी श्वास की गति तेज होती है जिससे हमारे पूरे शरीर को ऑक्सीजन पहुंचती है और हम ताजगी महसूस करते हैं। इससे आंखों में चमक आती है। पसीना अधिक आता है। फेफड़े खेलते हैं और फेफड़ों के ऐसे कोष्ठकों में से भी गंदी हवा बाहर निकलती है जो साधारणतया श्वास लेने पर नहीं निकलती।
खुलकर हंसने से शरीर में एक ऐसी समता या संतुलित अवस्था आती है, जिसे हम स्वास्थ्य कहते हैं।
स्वास्थ्य का अर्थ ही है— शरीर के अंग- प्रत्यंग का सही- सही काम करना, एक- दूसरे अंग के संतुलन में ठीक- ठीक चलना।शरीर का यह संतुलन एक रात नींद न आने से अथवा किसी दुःख या चिंता से बिगड़ जाता है पर हंसने से बिगड़ा हुआ संतुलन फिर प्राप्त किया जा सकता है।
पुराने समय में राजा और महाराजाओं के पास विदूषक रहा करते थे, जिन का कार्य ही उनको हंसाना होता था। वे अपनी मनोरंजक उक्तियों और चुटकुलों द्वारा हमेशा हंसाते रहते थे। खाने के समय भी हंसी से बढ़कर कुछ नहीं होता। इससे भोजन तुरंत पच जाता है। नींद न आने का भी सबसे बड़ा इलाज हंसी है।
चेम्फोर्ट के ये शब्द कितने बुद्धिमतापूर्ण हैं कि— वह दिन पूरा का पूरा बेकार गया, जिस दिन हम हंसे नहीं।
इतिहासकार ह्यूम लिखते हैं कि— राजा एडवर्ड द्वितीय एक बार हंसाने का एक क्राउन पारितोषिक दिया करता थे।
जब मनुष्य कभी मुस्कुराता है तो उसके शरीर में कुछ न कुछ वृद्धि होती हैं परंतु मुस्कुराने की बजाय खिलखिला कर हंसने से शरीर की वृद्धि और भी अधिक होती है। देखा जाए तो हंसी में क्या कुछ नहीं छिपा है? यह एक कुंजी है, जिससे हम मनुष्य की पहचान कर सकते हैं।
कभी आपको किसी डॉक्टर के पास जाना हो तो ऐसे डॉक्टर का चुनाव किजिए जो हंसमुख हो। ऐसे डॉक्टर जल्दी ही आपकी बीमारी का पता भी लगा लेंगे और आपको निरोग भी कर देंगे।
आप अक्सर देखते होंगे कि— कुछ मनुष्यों के चेहरों पर अमिट गंभीरता छाई रहती है तो अन्य कुछ लोगों के मुख पर ठंडी मुस्कान होती है। बर्फ जैसी ठंडी। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो हंस सकते हैं परंतु उनकी हंसी उनके गले से बाहर मुश्किल से निकल पाती है। इस प्रकार की हंसी का कोई विशेष लाभ नहीं होता। वास्तव में वह मनुष्य अत्यंत सुखी है जो अपने आप हंसता है और अपने आप को सौभाग्यशाली मानता है।
जब विपत्ति आती है, तब गंभीरतापूर्वक अकर्मण्य होकर बैठने की अपेक्षा हंसना चाहिए। जीवन में सदैव आनंद- क्रिड़ा नहीं मिलते। प्रत्येक दिन प्रकाशमय नहीं हो सकता। इसलिए जब संकट आते हैं, तब भी हंसना चाहिए। इससे आप को सांत्वना मिलेगी। पीड़ा और कष्ट कम होंगे। कई अदृश्य कष्ट जीवन में आते हैं। कई विपत्तियां सामने आ जाती हैं। उन गड्ढों में गिरने की बजाए कूदकर पार करना है। फिर आप क्यों नहीं हंसते? मन के उत्साह को कम मत होने दीजिए। अगर दूध उबल कर निकल गया है तो उसके लिए पछतावा मत कीजिए और दूध ले आइए, पर हंसते रहिए क्योंकि हंसने वाले की हमेशा विजय होती है। यदि आप हंस नहीं सकते तो जरा मुस्कुरा ही दीजिए। मुस्कुराने से उतना लाभ तो नहीं होगा जितना खिलखिला कर हंसने से होगा फिर भी आपके चेहरे पर गंभीर भाव लाने से जो हानि होती है, उससे तो बचा जा सकता है।
Jai Radhe Radhe Shre Shyam Meri jaan mera shyam
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