104. गुरु – शिष्य परंपरा

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः सदियों से भारतवर्ष की पावन धरा पर गुरु और शिष्य की परंपरा रही है। क्योंकि गुरु के द्वारा ही शिष्य को शिक्षा प्रदान की जाती है। सनातन परंपरा में गुरु अपने शिष्य के मन में चरित्र निर्माण, आपसी प्रेम और भाईचारे के बीज रोपित करता रहा है।संत कबीरदास …

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