Month: April 2021

138. स्वास्तिक के उपाय

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः स्वास्तिक के टोटके या उपाय— स्वास्तिक और वास्तु—वास्तु शास्त्र में स्वास्तिक को वास्तु का प्रतीक माना जाता है। घर के वास्तु को ठीक करने के लिए वास्तु का प्रयोग किया जाता है। इसकी बनावट ऐसी होती है कि यह हर दिशा में एक समान दिखाई देता है। घर …

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137. अन्य धर्मों में स्वास्तिक का महत्व

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः हिंदू धर्म के इलावा और भी कई धर्मों में स्वास्तिक का अपना विशेष महत्व है।अन्य धर्मों में स्वास्तिक का महत्त्व। बौद्ध धर्म में स्वास्तिक का महत्व— बौद्ध धर्म में स्वास्तिक को अच्छे भाग्य का प्रतीक माना गया है। बौद्ध मान्यता के अनुसार स्वास्तिक वनस्पति संपदा की उत्पत्ति का …

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136. स्वास्तिक का पौराणिक महत्त्व

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः भारतीय संस्कृति में स्वास्तिक का पौराणिक महत्व— *   स्वास्तिक में चार प्रकार की रेखाएं होती हैं, जिनका आकार एक समान होता है। यह चार रेखाएं पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण चारों दिशाओं की ओर संकेत करती हैं। ऐसी मान्यता है।                     हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह चार रेखाएं, चारों वेदों—ऋग्वेद, …

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135. स्वास्तिक का प्रयोग/प्रकार

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः हमारे यहां चातुर्मास में हिंदू स्त्रियां स्वास्तिक का व्रत करती हैं। पदम पुराण में इस व्रत का विधान है। इसमें सुहागिनें मंदिर में स्वास्तिक बनाकर, अष्टदल से उसका पूजन करती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस पूजन से स्त्रियों को वैधव्य का भय नहीं रहता।*हिंदू घरों में विवाह …

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134. स्वास्तिक

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः आज मैं आपको हिंदू धर्म में प्रचलित चिन्ह स्वास्तिक के बारे में बताना चाहती हूं। स्वास्तिक हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है । अगर यह कहा जाए कि स्वास्तिक हिंदू धर्म का आधार स्तंभ है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।स्वास्तिक का शाब्दिक अर्थ होता है …

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133. संगति का प्रभाव

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः संगति का हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। हम अपने जीवन में कैसे लोगों के नक्शे कदम पर चलते हैं, यह हमारे ऊपर निर्भर करता है। अगर हम साधु संतों की संगति करते हैं तो हमारा जीवन सुधर जाता है और जीवन के झंझावतों से पार …

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132. हंसते रहिए

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः वैसे तो हंसने के लिए किसी बहाने की आवश्यकता नहीं होती लेकिन ठहाके मार कर या जोर-जोर से हंसने में जो खुशहाली छिपी है, वह आपकी सेहत के लिए इतनी फायदेमंद है कि—उसके फायदे जानने के बाद हर वक्त हंसने का बहाना खोजेंगे। हंसने से मिलती है— ऊर्जाआपने …

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131. अहंकार का त्याग

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः श्रीमद् भागवत गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कि— जब कोई कामना की पूर्ति नहीं होती तो क्रोध उत्पन्न होता है, क्रोध से लोभ तथा लोभ से मोह और फिर अहंकार पैदा होता है। अहंकार से मनुष्य जाति का जितना अहित होता है उतना किसी और काम …

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130. अंतःकरण की ज्योति

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः मनुष्य में अनुभूति के दो सत्र होते हैं— बाह्यकरण और अंतःकरण।आज के समय मनुष्य का जीवन बाहर की ओर प्रवृत्त है।सुख- सुविधाओं को प्राप्त करने के चक्कर में वह निरंतर दौड़ने को बाध्य है। उसके पास थोड़ा-सा भी ठहर कर, विचार करने का वक्त नहीं है। जिससे वह …

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129. प्रार्थना

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः प्रार्थना ब्रह्मांड की महानतम शक्ति— ईश्वर से संबंध जोड़ने की एक प्रक्रिया है।प्रार्थना में एक भक्त अपने इष्ट देव के सामने नतमस्तक होकर विनती करता है की — हे ईश्वर! मेरे इस कार्य को सिद्ध कीजिए अर्थात् मेरे इस कार्य को पूरा कर दीजिए। इस तरह भक्त अपने …

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