Month: May 2021

155. आत्मिक शांति

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः एक बार थियोसोफिकल सोसाइटी से संबंध रखने वाला एक नवयुवक स्वामी विवेकानंद के पास गया। वह बहुत परेशान था। अशांत था। उसने दुखी होकर कहा— मैं शांति की खोज में बहुत दिनों से व्यस्त हूं। मैं मंदिर में जाकर मूर्ति के सामने घंटों आंख बंद करके बैठा रहता …

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154. संकट से उबारता है, पारिवारिक संबल

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः कोरोना काल से पहले बहुत से लोगों का यह मानना था कि— एकल परिवार ही अच्छा होता है। एकल परिवार में हम अपनी मनमर्जी से कोई भी कार्य कर सकते हैं। अगर परिवार बड़ा हुआ तो सभी की परेशानियां बढ़ जाती हैं क्योंकि ज्यादा लोग एक-दूसरे के कार्य …

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153. जीवन और मृत्यु

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः जीवों को सबसे अधिक भय मृत्यु से होता है। अनंत काल तक पुनः पुनः जन्मते और मरते रहना ही महान भय है। इसी जन्म मृत्युरूप महान भय को भगवान ने आगे चलकर मृत्यु संसार सागर के नाम से कहा है। जैसे समुद्र में भी अनन्त लहरें होती हैं, …

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152. प्राचीन भारत में शिक्षा व्यवस्था

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः शिक्षा की दृष्टि से पाश्चात्य विद्वानों ने भारत को हेय दृष्टि से ही देखा है। उनका मानना था कि भारत मूर्ख, अनपढ़, गवार और मदारियों का देश है। यद्यपि कुछ वर्षों से हमारे युवाओं ने कंप्यूटर, इंजीनियर, बायोकैमिकल तथा औषधि विज्ञान आदि क्षेत्रों में अपने ज्ञान और कर्मठता …

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151. रक्षा कवच

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने चारों तरफ हाहाकार मचा रखा है। अस्पतालों में कोरोना मरीजों का तांता लगा हुआ है। डॉक्टर और नर्स उनका उपचार पूरी लग्न से कर रहे हैं लेकिन संक्रमण का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में हमें एक रक्षा कवच की …

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150. आदर्श नेतृत्व

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः नेतृत्व का वास्तविक अर्थ होता है—समाज और संगठन का सही मार्ग प्रशस्त करना न की उन पर शासन करना।एक सभ्य एवं विकसित समाज की स्थापना में एक आदर्श नेतृत्व की महान भूमिका रहती है। एक कुशल नेतृत्वकर्ता हमेशा समाज, संगठन के हितों के कल्याण के लिए ही तत्पर …

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149. कण-कण में भगवान

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः महर्षि दधीचि के पुत्र का नाम था— पिप्लाद।वह बहुत ही तेजस्वी तथा तपस्वी था। जब पिप्लाद को यह ज्ञात हुआ कि— देवताओं को अस्थि दान देने के कारण उसके पिता की मृत्यु हो गई है तो उसे बहुत दुख हुआ। वह आग बबूला हो गया और देवताओं से …

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