Month: October 2021

216. यादों के झरोखे

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः यादें मनुष्य के जीवन का अहम् हिस्सा होती हैं। जैसे-जैसे जीवन रूपी यात्रा चलती है, वैसे- वैसे यादों का कारवां भी अनवरत् चलता रहता है। यादों का यह कारवां फलता-फूलता जाता है। यादें हमसे परछाई की तरह चिपकी रहती हैं। मनुष्य का अतीत यादों से भरा हुआ होता …

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215. चेतना का विकास

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः जब आप किसी कार्य में उत्कृष्टता प्राप्त करना चाहते हैं तो उसमें सतत् सुधार के लिए निरंतर प्रयास करते हैं और एक दिन आप उसमें पारंगत हो जाते हैं, यह विकास है। लेकिन जब हम आंतरिक विकास की बात करते हैं, तो चेतना के विकास के बात करते …

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214. सेवा भाव

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज के अपने कुछ नियम और कायदे होते हैं जिनका पालन करना प्रत्येक मनुष्य के लिए अनिवार्य होता है। अगर वह समाज में नहीं रहता तो वह मनुष्य नहीं है फिर या तो वह दानव है या फिर देवता। समाज में रहते हुए …

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213. जीवन- यात्रा

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः जीवन रूपी यात्रा में अपनी मंजिल पर पहुंचना मनुष्य के लिए बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है, परंतु उसके लिए आत्मविश्वास और इरादा मजबूत होना चाहिए। इनके अभाव में किसी भी प्रकार की सफलता और सिद्धि के द्वार पर नहीं पहुंचा जा सकता। मंजिल पर पहुंचने के लिए हृदय …

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212. आत्मनिर्भरता का मंत्र— मातृभाषा

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः इन दिनों देश में आत्मनिर्भरता की बहुत चर्चा हो रही है। आत्मनिर्भरता वास्तव में प्रत्येक स्तर पर सोची जाने वाली एक राष्ट्रव्यापी सोच है। देश की समृद्धि और विकास के लिए आत्मनिर्भरता बहुत आवश्यक है। अगर इस सोच को विस्तार देना है तो उत्पादकता से जुड़े सभी वर्गों …

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