285. आंतरिक संघर्ष
श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः मानव की जीवन यात्रा संघर्षों से ही प्रारंभ होती है। मनुष्य के जन्म के पश्चात् संघर्ष शुरू हो जाते हैं और संघर्षों की यही यात्रा उसकी मृत्यु तक चलती रहती है। देखा जाए तो संघर्ष जीवन का पर्याय है। यह जीवन पर्यंत चलता ही रहता है। दूसरे शब्दों …