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52. ईश्वर की व्यवस्था

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः हम सभी परमपिता परमात्मा के पुत्र हैं। वे सभी पुत्रों को समान रूप से चाहते हैं, पर वे जिन्हें योग्य विश्वसनीय और ईमानदार समझते हैं, उन्हें अपनी राजशक्ति का कुछ अंश इसलिए सौंप देते हैं कि वे उसके ईश्वरीय उद्देश्यों की पूर्ति में हाथ बटाएं। दूसरे शब्दों में […]

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51. विचारों की परिवर्तनशीलता

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः इंग्लैंड के प्रधानमंत्री एवं प्रसिद्ध इतिहासकार विंस्टन चर्चिल का एक महत्वपूर्ण कथन है—”नजरिया एक छोटी-सी चीज है, जो बड़ा परिवर्तन लाती है।” सही नजरिया धारण करना नकारात्मक तनाव को सकारात्मकता में परिवर्तित कर सकता है। जीवन नजरिए का नाम है, अनगिनत खुशियां दूसरों के साथ बांटने में ही

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50. असंभव से संभव

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः कभी आपने सोचा है कि आपके जीवन को सबसे अलग क्या बनाता है? वह है असंभव से लगने वाले कार्य को संभव बनाना और यह कार्य करता है, आपका विश्वास तंत्र (बिलीफ सिस्टम) जो विशेष रूप से आपके खुद के विचारों से नियंत्रित होता है। जीवन में आपकी

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49. शंकाग्रसित मन

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः मानव मन हमेशा शंकाग्रसित रहता है। यदि मन में तनिक भी शंका आ जाए और हम अपने मन और बुद्धि की धार बनाए नहीं रख सकते, तो सफल नहीं हो सकते। इस स्पर्धात्मक संसार में, जो थोड़ा भी शंकाग्रसित रहता है, पिछे धकेल दिया जाता है। ज्यादातर लोग

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48. महानता का रहस्य

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः जीवन में महानता प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति के अस्तित्व को खत्म करने की आवश्यकता नहीं होती। न ही उसे अपमानित और नीचा दिखाने की आवश्यकता है, बल्कि व्यक्ति को अपने जीवन में ऐसे आध्यात्मिक, चारित्रिक और नैतिक गुणों का विकास करना चाहिए कि— सामने वाले को

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47. बुराई का आईना

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः मनुष्य अपने प्रत्येक कार्य की प्रशंसा सुनने के लिए व्यग्र रहता है। लेकिन जरूरी नहीं कि हमेशा ऐसा हो। कभी कमियां भी तो निकल सकती हैं। इसलिए व्यक्ति को अपनी बुराई सुनने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। आलोचना को समझने में हमें सावधान रहना चाहिए और शुभचिंतकों

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46. नारी शक्ति

श्री गणेशाय नम् श्री श्याम देवाय नम् नारी विश्व-ब्रह्माण्ड में चैतन्य और क्रियाशील महाशक्ति का एक विशिष्ट केंद्र है। नारी को सम्मान, सृजन और शक्ति का प्रतीक माना गया है। हमारे वेद और ग्रंथ नारी शक्ति के योगदान से भरे है। नारी शक्ति को चेतना का प्रतीक माना गया है। मगर इस रहस्य से बहुत

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45.दोषपूर्ण उपलब्धियां

श्री गणेशाय नम्ः श्री श्याम देवाय नम्: जीवन में ज्यादातर मनुष्यों का एक स्वप्न होता है, कि उनके पास प्रचुर मात्रा में धन-दौलत हो ताकि वह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता का वरण करते हुए आकाश की उंचाईयों को छूए। उनका उच्च स्तरीय रहन-सहन हो, ऐसो – आराम के सारे साधन उपलब्ध हों, नौकर

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44. सुख-दुख

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः मानव जीवन रूपी उतार-चढ़ाव में, धुप और छांव की तरह सुख और दुख आते जाते रहते हैं। क्योंकि उतार-चढ़ाव जीवन का आधारभूत नियम है। शायद दुनिया में कोई ऐसा व्यक्ति हुआ हो, जिसके जीवन में सुख-दुख न हों। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि— सुख-दुख जीवन में

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43. मानव चरित्र

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः मानव के चरित्र का उसके व्यक्तित्व निर्माण में सबसे बड़ा योगदान होता है। एक चरित्रवान व्यक्ति ही समाज और देश के उत्थान में अपना योगदान देकर, उसे विश्व में सर्वोपरि स्थान दिलवाने का माद्दा रखता है। यज्ञ की समिधा की तरह ही सुंदर चरित्र की खुशबू चारों ओर

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