281. अहंकार का त्याग
श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः मनुष्य अपने अहम् के कारण ही अहंकारी होता है। मैं और मेरे की भावना उसे और ज्यादा स्वार्थी बना देती है। अहंकार एक ऐसा अवगुण है जो किसी भी मनुष्य का पतन सुनिश्चित कर देता है। जहां अहंकार होता है, वहां पर सभी गुणों का लोप हो जाता …