55. सद्-बुद्धि और दुर्बुद्धि
श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः भक्ति की प्रगाढ़ता जब अपनी चरम-सीमा पर होती है, तो परमात्मा वरदान के रूप में भक्त को सद्बुद्धि के रूप में देवी संपदा प्रदान करते हैं। जिससे उसे नाना प्रकार के लौकिक सुख, संपत्ति, धन-दौलत, यश-कीर्ति, पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। वहीं ईश्वर के प्रति नास्तिकता का भाव …