55. सद्-बुद्धि और दुर्बुद्धि

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः भक्ति की प्रगाढ़ता जब अपनी चरम-सीमा पर होती है, तो परमात्मा वरदान के रूप में भक्त को सद्बुद्धि के रूप में देवी संपदा प्रदान करते हैं। जिससे उसे नाना प्रकार के लौकिक सुख, संपत्ति, धन-दौलत, यश-कीर्ति, पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। वहीं ईश्वर के प्रति नास्तिकता का भाव …

55. सद्-बुद्धि और दुर्बुद्धि Read More »

54. धैर्य से मिलते हैं—ज्ञान और शांति

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः मनुष्यों को आज सबसे अधिक आवश्यकता धैर्य की है। लोग सफल होने के बाद अशांत हो जाते हैं और शांति की तलाश करते हैं। शांति की तलाश में निकलने से पहले धैर्य, सहनशीलता के गुण हमें अपने अंदर विकसित करने होंगे। ज्यादातर लोगों की जिंदगी में इन दिनों …

54. धैर्य से मिलते हैं—ज्ञान और शांति Read More »

53. हो मन का प्रबंधन

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः हमारे मन की भावनाएं और विचार हमारे व्यक्तित्व को एक आकार देते हैं। यह बात आधुनिक विज्ञान की ही स्थापना नहीं, बल्कि हमारे वैदिक शास्त्रों द्वारा उद्घाटित सत्य है। मनुष्य अपनी पूरी जिंदगी में कुछ ऐसे काम करता है कि “उसने ऐसा क्यों किया” यह जानने में विज्ञान …

53. हो मन का प्रबंधन Read More »

52. ईश्वर की व्यवस्था

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः हम सभी परमपिता परमात्मा के पुत्र हैं। वे सभी पुत्रों को समान रूप से चाहते हैं, पर वे जिन्हें योग्य विश्वसनीय और ईमानदार समझते हैं, उन्हें अपनी राजशक्ति का कुछ अंश इसलिए सौंप देते हैं कि वे उसके ईश्वरीय उद्देश्यों की पूर्ति में हाथ बटाएं। दूसरे शब्दों में …

52. ईश्वर की व्यवस्था Read More »

51. विचारों की परिवर्तनशीलता

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः इंग्लैंड के प्रधानमंत्री एवं प्रसिद्ध इतिहासकार विंस्टन चर्चिल का एक महत्वपूर्ण कथन है—”नजरिया एक छोटी-सी चीज है, जो बड़ा परिवर्तन लाती है।” सही नजरिया धारण करना नकारात्मक तनाव को सकारात्मकता में परिवर्तित कर सकता है। जीवन नजरिए का नाम है, अनगिनत खुशियां दूसरों के साथ बांटने में ही …

51. विचारों की परिवर्तनशीलता Read More »

50. असंभव से संभव

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः कभी आपने सोचा है कि आपके जीवन को सबसे अलग क्या बनाता है? वह है असंभव से लगने वाले कार्य को संभव बनाना और यह कार्य करता है, आपका विश्वास तंत्र (बिलीफ सिस्टम) जो विशेष रूप से आपके खुद के विचारों से नियंत्रित होता है। जीवन में आपकी …

50. असंभव से संभव Read More »

49. शंकाग्रसित मन

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः मानव मन हमेशा शंकाग्रसित रहता है। यदि मन में तनिक भी शंका आ जाए और हम अपने मन और बुद्धि की धार बनाए नहीं रख सकते, तो सफल नहीं हो सकते। इस स्पर्धात्मक संसार में, जो थोड़ा भी शंकाग्रसित रहता है, पिछे धकेल दिया जाता है। ज्यादातर लोग …

49. शंकाग्रसित मन Read More »

48. महानता का रहस्य

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः जीवन में महानता प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति के अस्तित्व को खत्म करने की आवश्यकता नहीं होती। न ही उसे अपमानित और नीचा दिखाने की आवश्यकता है, बल्कि व्यक्ति को अपने जीवन में ऐसे आध्यात्मिक, चारित्रिक और नैतिक गुणों का विकास करना चाहिए कि— सामने वाले को …

48. महानता का रहस्य Read More »

47. बुराई का आईना

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः मनुष्य अपने प्रत्येक कार्य की प्रशंसा सुनने के लिए व्यग्र रहता है। लेकिन जरूरी नहीं कि हमेशा ऐसा हो। कभी कमियां भी तो निकल सकती हैं। इसलिए व्यक्ति को अपनी बुराई सुनने के लिए भी तैयार रहना चाहिए। आलोचना को समझने में हमें सावधान रहना चाहिए और शुभचिंतकों …

47. बुराई का आईना Read More »

46. नारी शक्ति

श्री गणेशाय नम् श्री श्याम देवाय नम् नारी विश्व-ब्रह्माण्ड में चैतन्य और क्रियाशील महाशक्ति का एक विशिष्ट केंद्र है। नारी को सम्मान, सृजन और शक्ति का प्रतीक माना गया है। हमारे वेद और ग्रंथ नारी शक्ति के योगदान से भरे है। नारी शक्ति को चेतना का प्रतीक माना गया है। मगर इस रहस्य से बहुत …

46. नारी शक्ति Read More »

Shopping Cart