25. स्वयं की तलाश

ऊँश्री गणेशाय नम्ःश्री श्याम देवाय नम्ः मैं कौन हूं? मेरा वजूद क्या है? मैं कहां से आया हूं? वैसे तो प्रत्येक व्यक्ति को खुद के बारे में कोई भी ज्ञान नहीं होता। इस भौतिक संसार में वह किस प्रयोजन के लिए आया है। ऐसे बहुत सारे प्रश्न मानव के मस्तिष्क में उत्पात मचाते रहते हैं। …

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24. अमंगल से मंगल

ऊँश्री गणेशाय नम्ःश्री श्याम देवाय नम्ः अमंगल अर्थात मनुष्य के जीवन की वह स्थिति जिसमें मनुष्य अपने जीवन के किसी विशेष समय में, किसी विशेष संकट में पड़ कर, अपने दुर्भाग्य को देख रहा होता है। जैसे कि वह किसी दुर्घटना का शिकार हो अथवा किसी अनचाही स्थिति में फंसकर अपयश का भागी बनना पड़ा …

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23. परिवार का महत्व

ऊँश्री गणेशाय नम्ःश्री श्याम देवाय नम्ः इंसान के जीवन में परिवार महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। जीवन की हर परिस्थिति में परिवार हमारे साथ खड़ा रहता है। हमें हर प्रकार से मनोबल प्रदान करता है। घर के बड़े बुजुर्ग हमें अपने अनुभवों से जीवन में आगे बढ़ने, उन्नति करने व हर परिस्थिति में खुश रहने …

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22. सुनना भी एक कला है

ऊँश्री गणेशाय नम्ःश्री श्याम देवाय नम्ः कुछ लोग बहुत ज्यादा बातें करते हैं, वे दूसरों को बोलने का अवसर ही नहीं देते। उनको लगता है कि वो सर्वश्रेष्ठ हैं। वे जो कुछ भी कहते हैं वो ही सर्वोपरि होता है। ऐसे मनुष्य अपनी मर्यादा भूल जाते हैं। उन्हे इस बात से बिल्कुल भी फर्क नहीं …

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21. आत्मचिंतन

ऊँश्री गणेशाय नम्ःश्री श्याम देवाय नम्ः आज पूरा विश्व कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए “त्राहिमाम-त्राहिमाम” कर रहा है। क्योंकि इसके संक्रमण के फैलाव को रोकने की चुनौती विश्व समुदाय के सामने हैं। ऐसे में एक्सपर्ट की मानें तो स्वयं को एकांत में रखना है, ताकि इस वायरस के संक्रमण से स्वयं को …

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20. कोरोना और मानसिक संयम एवं शक्ति

ऊँश्री गणेशाय नम्ःश्री श्याम देवाय नम्ः वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कोरोना वायरस की वजह से जीवन असाधारण रूप से उलझ गया है। परिवेश में फैली गलत सूचनाओं और अफवाहों का बाजार गर्म होने की वजह से दहशत का माहौल बना हुआ है। ऐसे में हमें अपनी मानसिक शक्ति और संयम का साथ नहीं छोड़ना है। यह …

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19. कोरोना और हवन/यज्ञ

ऊँश्री गणेशाय नम्ःश्री श्याम देवाय नम्ः पिछले कुछ समय से पूरे विश्व की रंगत बदली हुई है। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तहलका मचा रखा है। लेकिन दहशत और डर का संक्रमण इस वायरस से भी तेज गति से फैल रहा है। जब भय का परिदृश्य बिल्कुल सामने हो तो लोग जानलेवा संक्रमण की …

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18. कोरोना और जड़ी-बूटी

ऊँश्री गणेशाय नम्ःश्री श्याम देवाय नम्ः कोरोना वायरस ने इस समय पूरे विश्व को अपनी चपेट में लिया हुआ है। क्योंकि अभी तक इस वायरस का कोई स्थाई उपचार नहीं खोजा गया है। इसलिए यही सलाह दी जा रही है, कि किसी तरह इसके संक्रमण में आने से बचा जाए। चीन के वुहान शहर से …

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17. गुरु की महिमा

ऊँश्री गणेशाय नम्ःश्री श्याम देवाय नम्ः गुरु का वास्तविक अर्थ तो यह ध्वनीत होता है कि जो जीवन में गुरुता यानी वजन -शक्ति बढ़ाए। यह भौतिक पदार्थों से नहीं,बल्कि शास्त्रों के निरंतर अध्ययन और चिंतन-मनन से ही संभव है। एक शिक्षक को ही हम गुरु की उपाधि नहीं दे सकते,बल्कि गुरु तो वे सब भी …

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16. समय का चक्कर

ऊँश्री गणेशाय नम्ःश्री श्याम देवाय नम्ः समय के चक्र में नए – पुराने के मायने नहीं होते, यह अतीत, वर्तमान और भविष्य की त्रिपक्षीय किंतु एकल और अनवरत यात्रा है। समय की परिकल्पना एक चक्कर के रूप में की गई है, जो क्रमशःआगे की ओर घूमता रहता है और कभी पूर्ण अवस्था में नहीं लौटता। …

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