93. आत्मविश्वास से पाएं सफलता

श्री गणेशाय नमः

श्री श्याम देवाय नमः

सफल होना सबकी चाहत होती है। व्यक्ति जैसे-जैसे बड़ा होता जाता है, वैसे- वैसे उसकी कल्पनाओं को पंख लगते जाते हैं। जिन युवाओं को सही मार्गदर्शन नहीं मिलता वे अपने पथ से भटक जाते हैं। उनके जीवन में निराशा रूपी अंधकार के बादल छा जाते हैं, जिससे उनके व्यक्तित्व में आत्मविश्वास की कमी साफ झलकती है। हम एक ऐसे विश्व में रहते हैं जहां पर समय, ऊर्जा, संसाधन सीमित हैं। एक दिन में हर जगह पर केवल 24 घंटे ही होते हैं। हमारे पास सीमित ऊर्जा ही होती है।

एक समय के बाद थकान महसूस होना और आराम की जरूरत महसूस होना स्वाभाविक है। इसलिए अपनी आशा और अपेक्षा के अनुरूप अगर हमें कामयाबी को अपना साथी बनाए रखना है तो कुछ बातों को आदत का हिस्सा बनाना जरूरी होगा। अगर हम विचार करें तो पाएंगे कि हमारे आसपास कितने ही मेधावी और मेहनती लोग केवल सही या सकारात्मक विचारों के अभाव में कैरियर, नौकरी या व्यवसाय में उस मुकाम को हासिल नहीं कर पाते, जिसे उन्हें सामान्यतः हासिल करना चाहिए था।

हर जगह हमारे सकारात्मक विचार एक अहम् भूमिका अदा करते हैं। सकारात्मक सोच से ही व्यक्तित्व निखरता है और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। आत्मविश्वास से भरा व्यक्ति चुनौतियों से घबराता नहीं। वह हर चुनौती का सामना डटकर करता है, चाहे कार्यस्थल हो, समाज हो या घर- परिवार हो। वह चुनौती से कुछ न कुछ सीखता अवश्य है। बुद्धि, जागरूकता और बात करने का सलीका भी उसके आत्मविश्वास को बढ़ाता है।

मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि— अब तक की सबसे बड़ी खोज यही है कि व्यक्ति महज अपने सोचने का नजरिया बदल कर अपना भविष्य बदल सकता है। देश विदेश में ऐसे हजारों रियल लाइफ हीरो हैं, जिनका जीवन इस बात की गवाही देता है कि कैसे वे लोग अपने सोचने के नजरिये को उन्नत बनाए रखकर जीवन में सफलता और समृद्धि के हकदार बनें। सही नजरिया हमारे जीवन को संवारता है, हमारे व्यक्तित्व को निखारता है।

विद्वानों का कहना है कि— सुबह के एक-दो घंटे हर हाल में अपने लिए सुनिश्चित करें। इस समय वाक् पर जाएं या जोगिंग करें या साइकिल चलाएं। आमतौर पर देश-विदेश में कॉलेज- यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले युवा हों या पेशेवर या नौकरीपेशा व्यक्ति, सभी डे- मैनेजमेंट यानी दिन में क्या-क्या करना है और कैसे करना है, को बहुत महत्व देते हैं और देना भी चाहिए। लेकिन उनमें से कुछ ही लोग मॉर्निंग- मैनेजमेंट को भी उतना या कुछ ज्यादा महत्व देते हैं। क्योंकि वे जानते हैं कि सुबह की अच्छी शुरुआत से दिन भर के काम के लिए अपेक्षित ऊर्जा, उत्साह और उमंग से आदमी भर जाता है। इसलिए सब को सुबह का कम से कम 1 से 2 घंटा खुद पर निवेश करना चाहिए।

सूर्योदय के आसपास सो कर उठ जाना शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य के लिए उत्तम माना गया है। इसलिए जब भी उठें, एक-दो घंटे का निवेश स्वयं पर जरूर करें। सुबह-सुबह प्राकृतिक खूबसूरती देखने से भी आप पूरा दिन आत्मविश्वास और स्फूर्ति से भरे रहेंगे। सीधे खड़े होकर निडरता से चलें। अगर आप झुककर या डरकर चलेंगे तो इससे सामने वाला आपको कमजोर समझेगा। ध्यान रहे कि आपका उठा हुआ सिर आपके आत्मविश्वास को और बढ़ा देता है। अपने चलने के पोस्चर में बदलाव कर खुद अपने अंदर सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि करने के लिए ज्ञान की बहुत महत्ता है। जब आपको अपने कार्य का ज्ञान ही नहीं होगा तो आपके अंदर हीन-भावना आ जाएगी। इसलिए गीता में भी कहा गया है कि— ज्ञान के समान इस संसार में और कुछ भी पवित्र नहीं है।

प्रसिद्ध ब्रिटिश दार्शनिक फ्रांसिस बेकन ने भी साफ कहा है —नॉलेज इज पावर यानी ज्ञान ही शक्ति है। सच है की ज्ञान की शक्ति से मनुष्य अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होता है। ज्ञान से हमारा बौद्धिक विकास होता है। हममें तर्क एवं विश्लेषण की शक्ति विकसित होती है। सही गलत की समझ पैदा होती है। इससे हम रूढ़िवादिता और अंधविश्वास से मुक्त हो जाते हैं। ज्ञान से बड़ा कोई धन नहीं है। इसलिए हमेशा ज्ञान यात्रा के पथिक बने रहने का प्रयास करें। इसके साथ-साथ यह भी कोशिश करते रहें कि ज्ञान का यथोचित उपयोग हमारे हर कार्य में हो, तभी हम कठिन से कठिन काम संपन्न कर सकते हैं। अगर हमें अपने कार्य का ज्ञान ही नहीं होगा तो आत्मविश्वास कहां से आएगा?

इसलिए समय-समय पर अपने कार्य के बारे में जानकारी ग्रहण करते रहिए। आप ऐसे कार्य को अहमियत दीजिए, जिसमें आपकी रुचि हो जैसे— अभिनेता, डॉक्टर, इंजीनियर आदि। क्योंकि जिस कार्य में आपकी रूचि होती है, उसमें न तो आपको थकान महसूस होती है और न ही आराम की आवश्यकता होती है। रूचि के कार्य को अगर लगन से किया जाए तो उसमें जुनून का समावेश स्वयं हो जाता है। अपने सुनहरे भविष्य के लिए अपने आत्मविश्वास में वृद्धि करते हुए अतीत से आगे बढ़ें।

अतीत सबका होता है। किसी को सफलता मिल गई तो उसका अच्छा होगा और जिसको असफलता ने घेर लिया उसका खराब होता है। अतीत की यादों और भविष्य की परिकल्पनाओं में खोए रहने का गलत असर आपके वर्तमान पर पड़ सकता है। कल के लिए कुछ संजोएं जरूर, पर इसके लिए आज की खुशियों से समझौता न करें। आपका सुंदर व सुरक्षित आज ही सुनहरा कल गढ़ पाएगा। वर्तमान में जीने से आपकी सेहत पर भी सकारात्मक बदलाव आता है। हर व्यक्ति में कुछ न कुछ खास अवश्य होता है। कभी खुद को दूसरों से कमतर मत समझिए। अपनी ताकत को पहचानिए और उसे काम में दिखाकर अपने आपको साबित करिए।

यदि आपकी जुबान में मिठास है तो इससे दूसरों को अवगत कराएं। समय निकालकर किसी शांत जगह पर बैठकर अपने अंतर्मन की बात सुनें। इससे आपका मन शांत रहेगा। शांत मन से लिया गया निर्णय सार्थक सिद्ध होगा। इससे आप धीरे-धीरे हर विषय में निपुण होते जाएंगे। हर समय, हर स्थान पर होने की कोशिश करना असफलता का फार्मूला है। इसलिए हर स्थान पर होने की बजाय अपनी रुचि के कार्य में श्रेष्ठ स्थान पर होने का चयन करें और अपनी सफलता सुनिश्चित करें। जो व्यक्ति एक ही स्थान पर होने का निर्णय करते हैं, वे सदैव सफलता के शीर्ष पर पहुंच जाते हैं।
एक कहावत भी है कि— दो नावों पर सवार होने वाला व्यक्ति कहीं का नहीं रहता।
इसलिए अपने जीवन में सकारात्मक नजरिया रखते हुए अपनी रूचि के अनुसार अपना कार्य चुनें और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें। सफलता निश्चित रूप से आपके कदम चूमेगी।।

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