161. वास्तविक मूल्य
श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः आज के समय में मनुष्य का यह स्वभाव बन गया है कि— उसे जो वस्तु जितनी ज्यादा सहजता से उपलब्ध हो जाती है, वह उसका उतना ही कम मूल्य आंकता है। उसके दृष्टिकोण में किसी भी वस्तु का मूल्य उसके बाजार मूल्य से ही निर्धारित होता है। परंतु […]