Sunita Rani

141. नवरात्र

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः सनातन संस्कृति के अनुसार वर्ष में चार नवरात्र —चैत्र, आषाढ़, अश्विन और माघ महीनों में आते हैं। प्रत्येक नवरात्र का समय शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक रहता है। चैत्र और अश्विन मास के नवरात्र अधिक प्रचलित हैं। आषाढ़ और माघ मास में नवरात्र गुप्त नवरात्र के […]

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140. स्वास्तिक का वैज्ञानिक महत्त्व/कलंक

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः स्वास्तिक का वैज्ञानिक महत्व—सही तरीके से बने हुए स्वास्तिक से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। यह ऊर्जा वस्तु या व्यक्ति की रक्षा, सुरक्षा करने में मददगार होती है। स्वास्तिक की ऊर्जा का अगर घर, हॉस्पिटल या दैनिक जीवन में इस्तेमाल किया जाए तो व्यक्ति रोगमुक्त और चिंता मुक्त

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139. अन्य देशों में स्वास्तिक का महत्व

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः अन्य देशों में— स्वास्तिक को भारत ही नहीं अपितु विश्व के अन्य कई देशों में विभिन्न स्वरूपों में मान्यता प्राप्त है। विभिन्न मान्यताओं और धर्मों में स्वास्तिक को महत्वपूर्ण माना गया है। इसके साथ-साथ विश्व भर में स्वास्तिक को एक अहम् स्थान हासिल है। हम यहां विश्व भर

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138. स्वास्तिक के उपाय

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः स्वास्तिक के टोटके या उपाय— स्वास्तिक और वास्तु—वास्तु शास्त्र में स्वास्तिक को वास्तु का प्रतीक माना जाता है। घर के वास्तु को ठीक करने के लिए वास्तु का प्रयोग किया जाता है। इसकी बनावट ऐसी होती है कि यह हर दिशा में एक समान दिखाई देता है। घर

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137. अन्य धर्मों में स्वास्तिक का महत्व

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः हिंदू धर्म के इलावा और भी कई धर्मों में स्वास्तिक का अपना विशेष महत्व है।अन्य धर्मों में स्वास्तिक का महत्त्व। बौद्ध धर्म में स्वास्तिक का महत्व— बौद्ध धर्म में स्वास्तिक को अच्छे भाग्य का प्रतीक माना गया है। बौद्ध मान्यता के अनुसार स्वास्तिक वनस्पति संपदा की उत्पत्ति का

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136. स्वास्तिक का पौराणिक महत्त्व

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः भारतीय संस्कृति में स्वास्तिक का पौराणिक महत्व— *   स्वास्तिक में चार प्रकार की रेखाएं होती हैं, जिनका आकार एक समान होता है। यह चार रेखाएं पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण चारों दिशाओं की ओर संकेत करती हैं। ऐसी मान्यता है।                     हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह चार रेखाएं, चारों वेदों—ऋग्वेद,

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135. स्वास्तिक का प्रयोग/प्रकार

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः हमारे यहां चातुर्मास में हिंदू स्त्रियां स्वास्तिक का व्रत करती हैं। पदम पुराण में इस व्रत का विधान है। इसमें सुहागिनें मंदिर में स्वास्तिक बनाकर, अष्टदल से उसका पूजन करती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस पूजन से स्त्रियों को वैधव्य का भय नहीं रहता।*हिंदू घरों में विवाह

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134. स्वास्तिक

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः आज मैं आपको हिंदू धर्म में प्रचलित चिन्ह स्वास्तिक के बारे में बताना चाहती हूं। स्वास्तिक हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है । अगर यह कहा जाए कि स्वास्तिक हिंदू धर्म का आधार स्तंभ है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।स्वास्तिक का शाब्दिक अर्थ होता है

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133. संगति का प्रभाव

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः संगति का हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। हम अपने जीवन में कैसे लोगों के नक्शे कदम पर चलते हैं, यह हमारे ऊपर निर्भर करता है। अगर हम साधु संतों की संगति करते हैं तो हमारा जीवन सुधर जाता है और जीवन के झंझावतों से पार

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132. हंसते रहिए

श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः वैसे तो हंसने के लिए किसी बहाने की आवश्यकता नहीं होती लेकिन ठहाके मार कर या जोर-जोर से हंसने में जो खुशहाली छिपी है, वह आपकी सेहत के लिए इतनी फायदेमंद है कि—उसके फायदे जानने के बाद हर वक्त हंसने का बहाना खोजेंगे। हंसने से मिलती है— ऊर्जाआपने

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