22. सुनना भी एक कला है
ऊँश्री गणेशाय नम्ःश्री श्याम देवाय नम्ः कुछ लोग बहुत ज्यादा बातें करते हैं, वे दूसरों को बोलने का अवसर ही नहीं देते। उनको लगता है कि वो सर्वश्रेष्ठ हैं। वे जो कुछ भी कहते हैं वो ही सर्वोपरि होता है। ऐसे मनुष्य अपनी मर्यादा भूल जाते हैं। उन्हे इस बात से बिल्कुल भी फर्क नहीं …