65. निराश व्यक्तित्व
श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः आज के मशीनरी युग में ज्यादातर व्यक्ति निराशा रूपी अंधकार में डूबे हुए हैं। उनके दिलो-दिमाग पर निराशा रूपी राक्षस ने अपना डेरा जमा रखा है। उनके चारों तरफ का वातावरण निराशा रूपी धुएं से भरा हुआ है, जिसमें से रोशनी की एक छोटी-सी भी उम्मीद भरी किरण …