92. अहितकारी ईर्ष्या
श्री गणेशाय नमः श्री श्याम देवाय नमः जब हम किसी कार्य में असफल हो जाते हैं और हम देखते हैं कि कोई हमारा जानने वाला, सफलता हासिल कर लेता है तो हमारे मस्तिष्क में ईर्ष्या के भाव पनपने लगते हैं। ईर्ष्या हमेशा अहितकारी ही होती है, कोई बिरला ही होगा जिसने ईर्ष्या करके अपने जीवन …